पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल में भगोरिया की धूम मच रही है। चुनावी मौसम में सभी उम्मीदवार और राजनीतिक दल भगोरिया के जरिये आदिवासी मतदाताओं को लुभाने में लगे है। प्रदेश के अलीराजपुर ,झाबुआ, धार ,बड़वानी ,खरगोन ,खंडवा और बुरहानपुर में इस समय भगोरिया का आयोजन हो रहा है।
भगोरिया हाट या मेला आदिवासियों के सबसे बड़े पर्व में एक माना जाता है। इस हफ्ते भर अलग - अलग स्थानों पर होने वाले भगोरिया हाट में हजारों - लाखों की संख्या में युवक - युवतियां ,बुजुर्ग सभी पहुंचते है। ऐसे में हर पार्टी अपनी गैर (जुलूस )पार्टी के झंडे तले निकालती है। नेताओं के लिये ज्यादा से ज्यादा लोगों से उनके पर्व पर जुड़ने का यह एक शानदार मौका होता है।
मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव से पहले भगोरिया के जरिये अपना दम दिखाने में जुटे है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को रतलाम ,झाबुआ और अलीराजपुर के भगोरिया में शामिल हो जनसभा को संबोधित किया। यहाँ उन्होंने आदिवासी समाज की पारंपरिक वेशभूषा पहन उनसे सीधे जुड़ने की कोशिश की। जमीन पर बैठकर पारंपारिक ढोल भी बजाया। यहाँ उन्होंने रतलाम -झाबुआ लोकसभा सीट से उम्मीदवार और मध्यप्रदेश सरकार में वन मंत्री नागरसिंह चौहान की पत्नि अनिता नागरसिंह चौहान के लिये प्रचार किया ।
तो दूसरी तरफ कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व कैबिनेट मंत्री कांतिलाल भूरिया ने भी राणापुर में भव्य गैर का आयोजन किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने भूरिया ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर अपनी मजबूत दावेदारी की। उनके साथ उनके बेटे ,वर्तमान विधायक विक्रांत भूरिया भी मौजूद रहें। कांतिलाल भूरिया को भगोरिया के अगले दिन ही कांग्रेस ने झाबुआ - रतलाम सीट से लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
खरगोन बड़वानी लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने फिर से गजेंद्र सिंह पटेल (वर्तमान सांसद) को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। दूसरी ओर वाणिज्य कर विभाग से वीआरएस लेकर चुनावी मैदान में उतरे पोरलाल खरते ने कांग्रेस आला कमान से कनेक्शन जोड़कर टिकट की जुगाड़ बिठाई है। खरते ने कांग्रेस से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा होते ही समय नहीं गंवाया और चुनाव प्रचार में जुट गए
दोनों उम्मीदवार बड़वानी-खरगोन जिलों में आयोजित हो रहे भगोरिया हाट में पहुंच रहे हैं। दोनों ही मांदल की थाप पर थिरकने के साथ साथ बांसुरी की तान पर चहक भी रहे हैं। वे आदिवासियों के पारंपरिक व्यंजन भी खरीद रहे हैं। दूसरी ओर, बच्चे झूले खिलौने पर रीझ रहे हैं। हाल ही में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बनाए गए अंतर सिंह आर्य की भी विशेष डिमांड है। क्षेत्रीय उम्मीदवार और जनप्रतिनिधि उन्हें भी हर भगोरिया में आमंत्रित कर रहे हैं। वे मांदल की थाप पर समां बांधने के लिए विख्यात है
शपिछले साल भी भगोरिया में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झाबुआ पहुँचे थे। इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री चौहान अपनी पत्नी के साथ सिहोर जिले के बिरजिस नगर में भगोरिया का आनंद उठाने पहुंचे। दोनों ने ग्रामीणों के साथ आदिवासी वेशभूषा में तीर कमान लेकर नृत्य किया। इस बार शिवराज सिंह चौहान दो दशक बाद फिर से विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले है।
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